Village and Snake God Teja dasmi
तेजाजी की पूजा विधि? विशेष रूप से राजस्थान में मान्य है, जहां उन्हें ग्राम देवता और नाग देवता के रूप में पूजा जाता है। तेजादशमी (भाद्रपद शुक्ल दशमी) पर विशेष रूप से उनकी पूजा की जाती है। यहाँ तेजाजी की पूजा विधि के मुख्य चरण दिए गए हैं: मंदिर या पूजन स्थल की सफाई: • पूजा से पहले मंदिर या घर के पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ किया जाता है।< br> • इसके बाद साफ जल का छिड़काव किया जाता है ताकि स्थान पवित्र हो। तेजाजी की मूर्ति या चित्र की स्थापना: • तेजाजी महाराज की मूर्ति, फोटो, या चित्र को एक साफ स्थान पर रखा जाता है। • उनके आगे जल, रोली, मौली (धागा), अक्षत (चावल), धूप और दीपक जलाए जाते हैं। श्रद्धा और भक्ति के साथ संकल्प: • पूजा से पहले श्रद्धालु संकल्प लेते हैं कि वे पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करेंगे। • गायों की रक्षा और नाग देवता के साथ किए गए वचन का स्मरण किया जाता है। अर्पण (चढ़ावा) • कच्चा दूध: भक्तगण कच्चा दूध, पानी और दूधिया नारियल (हरा नारियल) चढ़ाते हैं। • चूरमा: राजस्थान में चूरमा विशेष महत्व रखता है, जो आमतौर पर ते