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Important Days in May 2024

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about us

Discover the pinkicity podcast, a fun and insightful show all about embracing femininity in today's world. This upbeat podcast explores pink culture, fashion, and more - tune in for lively conversations! Join the pinkicity podcast for engaging chats about embracing your feminine side. From pink products to self-care rituals, this lively podcast celebrates all things pink and girly. Tune in today! Love the color pink? The pinkicity podcast celebrates femininity and pink culture through fun, upbeat conversations. Tune in to explore topics like fashion, beauty, self-care, and embracing your inner girl. On the pinkicity podcast, hosts chat about embracing pink culture and femininity in empowering ways. From pink products and fashion to self-care rituals, tune in for positive vibes and great girl talk! Tune into the pinkicity podcast for feel-good conversations about embracing pink culture and feminine energy. The lively hosts explore topics like beauty, self-care, fashion, and livi

भगवान झूलेलाल जयंती।

पिंकसिटी ऍफ़ एम् पॉडकास्ट में आपका स्वागत है भारत में विभिन्न धर्मों, समुदायों और जातियों का समावेश है। इसलिए यहाँ अनेकता में एकता के दर्शन होते हैं। यह हमारे देश के लिए गर्व की बात है कि यहाँ सभी धर्मों के त्योहारों को प्रमुखता से मनाया जाता है चाहे वह दीपावली हो, ईद हो, क्रिसमस हो या भगवान झूलेलाल जयंती। सिंधी समुदाय का त्योहार भगवान झूलेलाल का जन्मोत्सव 'चेटीचंड' के रूप में पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस त्योहार से जुड़ी हुई वैसे तो कई किवंदतियाँ हैं परंतु प्रमुख यह है कि चूँकि सिंधी समुदाय व्यापारिक वर्ग रहा है सो ये व्यापार के लिए जब जलमार्ग से गुजरते थे तो कई विपदाओं का सामना करना पड़ता था। जैसे समुद्री तूफान, जीव-जंतु, चट्टानें व समुद्री दस्यु गिरोह जो लूटपाट मचाकर व्यापारियों का सारा माल लूट लेते थे। इसलिए इनके यात्रा के लिए जाते समय ही महिलाएँ वरुण देवता की स्तुति करती थीं व तरह-तरह की मन्नते माँगती थीं। चूँकि भगवान झूलेलाल जल के देवता हैं अतः ये सिंधी लोग के आराध्य देव माने जाते हैं। जब पुरुष वर्ग सकुशल लौट आता था। तब चेटीचंड को उत्सव के रू

jaipur contribution in ramayan writing

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ये तथ्य सत्य से परे नही की जयपुर सिटी की भागीदारी रामायण लिखने एव अन्य कार्यो में मुख्य है क्योंकि पुरातत्व और शिलालेख गवाह हे की जयपुर का महत्वपूर्ण स्थान है किन्तु शोध और रिसर्च के आभाव में सत्य सामने नही पा रहे है इतिहास एवं हिंदी के शोध कर्ताओ को साथ ही राजस्थान सरकार को इस विषय में ध्यान देना चाहिए की वह शोध करवाए की श्रीराम और रामायण में जयपुर के योगदान पर स्कालरशिप प्रदान कर तथ्यों को सामने लाये जिससे जयपुर का विश्व में नाम रोशन हो तुलसी दास जी जयपुर पधारे थे रीवा के तत्कालीन राजा रघुवीर सिंह की दो सौ साल पहले लिखी भक्त माल की टीका में लिखे दोहे से ज्ञात होता है गलता की परिचय पुस्तक में भी लिखा गया है कि तुलसीदास जी तीन वर्ष तक गलता में निवास किया। जिन यह भक्त माल निर्माणी ते सब संतन न्योता दिन्यो शीघ्र संत प्यानो किन्हो तुलसी दास के न्योतो आयो ताहि विचार मन में अलसायो पंगत में कच्चो पकवाना द्विज को कहबो उचित न जाना यह विचार कर तह तहु न गयो पवन सुत तांसो कह देयो भक्त राज नाभा को जानो तुरत ही नह तंह को करो प्यानो हनुमत शासन सुनत गुसाई